स्कूलों में आज भी पढ़ाए जाते हैं ये 5 झूठ, जिनमे नहीं है सच्चाई
स्कूलों में आज कल पढ़ाई के साथ एक्स्ट्रा एक्टिविटीज पर भी ध्यान दिया जाता है जिस से कि स्टूडेंट्स का सर्वांगिक विकास हो सके। किताबों में कई ऐसी बातें भी हैं जिनमे जरा भी सच्चाई नहीं होती है और फिर भी स्कूलों में आज भी स्टूडेंट्स को ये बातें पढाई जाती है।
हमारी कई पारंपरिक पाठ्यपुस्तकें आज तक अपडेट नहीं की गई हैं। यूपीएससी, सीएटी, मैट आदि किताबों में कई गलत जानकारियां रहती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही जानकारियों को।
सांड लाल रंग देखकर हिंसक हो जाते हैं!
यह माना जाता है जब भी सांड लाल रंग देखता है तो वह हिंसक हो जाता है लेकिन इस बारे में जरा भी सच्चाई नहीं है। क्योकिं उन्हें रंगों की समझ नहीं होती है। यदि आप सांड के सामने नीले रंग का कपड़ा लेकर उसे भी लहराते हैं तो भी सांड भड़क उठेगा। उसे गुस्सा उसके सामने कपड़ा लहराने से आता है ना कि उसके रंग के कारण।
चीन की लंबी दीवार स्पेस से दिखाई नहीं देती है-
नासा ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है चीन की दिवार अंतरिक्ष से दिखाई नहीं देती है। लेकिन कई किताबों में इस बात की पुष्टि की गई है।
आइंस्टीन गणित में फेल हुए थे-
कई किताबों में यह कहा गया है कि भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन गणित में फेल हो गए थे। वे गणित में फेल नहीं हुए बल्कि स्कूल में परीक्षा नहीं दे पाए थे। Google पर आइंस्टीन के फेल होने से संबंधित 500,000 सवालों को देखा गया है।
चमगादड़ अंधे होते हैं-
किताबों में यह पढ़ाया जाता है कि चमगादड़ अंधे होते हैं और वे अपनी आवाज के सहारे अपना रास्ता बिना टकराए तय करते हैं। चूहे अंधेरे में शिकार करते समय इकोलोकेशन का उपयोग करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे अंधे हैं। चमगादड़ भी अंधे नहीं होते हैं बल्कि वे पराबैंगनी प्रकाश देख सकते हैं।
इंसान केवल अपना 10 प्रतिशत दिमाग ही काम में लेता है-
हमारा दिमाग कई तरह की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसा माना जाता है कि हम अपने दिमाग का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा ही उपयोग करते हैं, लेकिन ये झूठ है।