ऑनलाइन मोबाइल खरीदने पर कैसे मिलती है साबुन की टिकिया, यहाँ समझें पूरा खेल
ऑनलाइन शॉपिंग घर बैठे अपने लिए जरूरत के सामान जैसे कपडे, जूते, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक आइटम आदि मंगवाने का एक आसान तरीका है। जिसमे समय की भी बचत होती है साथ ही आपके लिए वर्ल्ड वाइड वेब पर ढेर सारे ऑप्शन भी उपलब्ध होते हैं। लेकिन दूसरी ओर कुछ लोग ऑनलाइन शॉप करने से कतराते हैं इसका बड़ा कारण डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स लीक होने का डर और नकली या घटिया सामान मिलने की धांधली है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब मोबाइल आर्डर करने पर यूजर को साबुन की टिकिया या कुछ और ही मिला हो।
लेकिन ये धांधली आखिर होती कैसे है? मोबाइल मंगवाने पर उसमे पत्थर या साबुन का टुकड़ा कैसे आ जाता है? आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।
ऑनलाइन अमेज़न या अन्य ई-कॉमर्स वेबसाइट से जब हम कोई चीज आर्डर करते हैं तो हमारे साथ लाखों की संख्या में अन्य लोग भी कोई न कोई प्रोडक्ट आर्डर करते हैं। तो इसके लिए सबसे पहले सॉफ्टवेयर यह बताता है कि वो प्रोडक्ट कहाँ रखा हुआ है। उसके बाद कर्मचारी वेयर-हाउस में जाकर उस शेल्फ तक पहुँचता है, पैकेट उठाता है, फिर हाथ में उठाए स्कैनर से स्कैन करता है। इस से उसे पता लगता है कि प्रोडक्ट सही है या नहीं। इसके बाद कस्टमर के नाम की पर्ची उस पर चिपकाई जाती है और पैकेट को डिलीवर किया जाता है।
ऑर्डर की हुई चीज डिलीवरी के समय बदल कैसे जाती हैं?
जब सब्र कुछ इतना सिस्टमेटिक ढंग से होता है तो आखिर गड़बड़ कहाँ होती है? बड़ी बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट हलाकि ऐसी धांधली नहीं कर सकती
लेकिन लोग 'सेलर्स' पर ध्यान नहीं देते। सेलर्स की रेटिंग इस तरह की धांधलियों के लिए खासतौर पर जिम्मेदार होती है।
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कैसे बचें
सबसे पहले कोई भी सामान आर्डर करने से पहले सेलर की रेटिंग चेक करें और रिव्यू पढ़ें। जब कोई डिलीवरी बॉय आपको सामान डिलीवर करने आए तो उसी के सामने वो बॉक्स खोले। बॉक्स खोलते वक्त वीडियो बनाएं जिस से कि अगर उसने कोई गड़बड़ की हो तो वो बाद में उस से मुकर ना जाए।
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इन बातों का रखें ध्यान
ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले ये ध्यान रखें कि आपके कंप्यूटर में एंटी वायरस हो। जिस ई-कॉमर्स वेबसाइट से आप शॉपिंग करने जा रहे हैं उसके एड्रेस में http नहीं, बल्कि https हो। 'S' जुड़ जाने के बाद सिक्योरिटी की गारंटी हो जाती है। ऑनलाइन पेमेंट करते समय भी सावधान रहें।