कांग्रेस के 22 विधयक जिन्होंने कांग्रेस छोड़ने का मन बनाया है उन्होंने अब अपनी बात सबके सामने रखी है। मध्यप्रदेश के सियासी घमासान के बीच बंगलौर में आयोजित की गई बैठक में उन्होंने ये सब कुछ कहा।

विधायकों ने ये भी कहा कि वे अपनी मर्जी से आए हैं इसके लिए उन पर कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई है। इन्होने खुलासा करते हुए ये भी बताया कि वे कमलनाथ के काम करने के तरीके से खुश नहीं थे। विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर ये भी आरोप लगाए कि उन्होंने कभी हमारी बात ठीक से नहीं सुनी।

विधायकों ने ये भी दावा किया है कि अभी कांग्रेस से 20 और विधायक आएँगे और हमारे साथ शामिल होंगे। उन्होंने ये भी कहा कि जब सिंधिया जैसे बड़े नेता पर हमला हो सकता है तो हम भला कहाँ तक सुरक्षित हैं ?

विधायकों में से एक इमरती देवी ने कहा किज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हम पूरी तरह से उनके साथ हैं। जहां श्रीमंत, वहां हम।

बिसाहू लाल सिंह ने कहा कि मैं 1987 से कांग्रेस विधायक हूं, मुझसे सीनियर विधानसभा में कोई विधायक नहीं है। लेकिन जब मैं सीएम से मिलने जाता हूँ तो मुझे ये कह कर वापस भेज दिया जाता था की चलो चलो कल बात करेंगे। कमलनाथ ने एक भी आदिवासी को पट्टा नहीं दिया गया।
विधायकों ने ये भी कहा कि जब 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया तो सिर्फ 6 का ही इस्तीफा मंजूर क्यों किया गया। इसके अलावा उन्होंने कोरोना बहाना लेकर फ्लोर टेस्ट को टालने को भी उनका प्लान बताया और कहा कि कोरोना को लेकर इतना डर था तो मंत्रालय वल्लभ भवन में छुट्टी क्यों नहीं की गई।

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