महाराष्ट्र में सीएम पद की कुर्सी भरने के लिए अभी तक भी कोई फैसला नहीं आया है। ऐसे में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। अब पार्टियों के पास 24 घंटे की डेडलाइन बची है। प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी इसके लिए राज्य के महाधिवक्ता की भी राय ले रहे हैं। इसलिए आज हम आपको राष्ट्रपति शासन से जुड़ी पूरी जानकारी उपलब्ध करवाने जा रहे है कि इस दौरान क्या होता है, कब लागू किया जाता है और संविधान इस बारे में क्या कहता है? राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य विधानसभा का क्या रोल होगा ये जान लेना भी जरूरी है। बीच में किसी पार्टी ने बहुमत लायक विधायकों का सपोर्ट जुटाने में कामयाब रही तो क्या होगा?

राष्ट्रपति शासन क्या होता है?
जब किसी भी राज्य में कोई भी पार्टी अगर बहुमत लायक समर्थन प्राप्त करने में कामयाब नहीं हो पाती या फिर संवैधानिक मशीनरी ठप पड़ जाती है तो केद्र सरकार संविधान के आर्टिकल-356 का इस्तेमाल कर सकती है। इसका अर्थ है कि वहां का संचालन केंद्र के हाथ में आ जाता है और इसी को राष्ट्रपति शासन कहते हैं। वहां गवर्नर राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य सरकार की जिम्मेदारियों को पूरा करता है। अभी तक देश में राष्ट्रपति शासन 125 बार लागू किया जा चूका है।

राष्ट्रपति शासन कितने दिनों तक लागू रह सकता है?
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद उनपर लोकसभा और राजयसभा दोनों की मंजूरी लेना जरूरी है। ये बात ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रपति शासन केवल 6 महीनों के लिए ही लागू किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर इसकी सीमा बढ़ाई जा सकती है लेकिन तीन साल से अधिक ये नहीं हो सकता है। लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब एक साल तक राष्ट्रपति शासन लागू रहने के बाद चुनाव आयोग यह कह दे कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए वह निष्पक्ष चुनाव करवाना मुमकिन नहीं है।

महाराष्ट्र में कैसे लागू होगा राष्ट्रपति शासन
महाराष्ट्र में अगर 8 नवंबर तक किसी भी पार्टी की गठबंधन के साथ सरकार नहीं बनती है तो वहां राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को संविधान के आर्टिकल-356 तक राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए कहेंगे। इन परिस्थितियों में राष्ट्रपति केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश पर राज्यपाल की अनुशंसा को मंजूर कर करके विधानसभा को निलंबित स्थिति में रख सकते हैं। लेकिन 6 महीनों में सभी परिस्थितियां सुधर जाती है और कोई सी भी पार्टी सरकार बनाने लायक विधायकों के समर्थन सेराज्यपाल को संतुष्ट कर देगी तो इसे समाप्ति करवा दिया जाएगा।

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