कैसा था इंदिरा गांधी का चरित्र, जानकर रह जाएंगे हैरान
इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू राजवंश में अनैतिकता को नयी ऊँचाई पर पहुचाया। लेकिन इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं जिनके बारे में आप भी नहीं जानते होंगे। इंदिरा को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था लेकिन लेकिन रविंद्रनाथ टैगोर ने उन्हें उनके दुराचरण के कारण विधालय से बाहर निकाल दिया था। उस समय उनके पिता राजनीति में व्यस्त रहते थे और मां तपेदिक के स्विट्जरलैंड में थी।
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जब इंदिरा गांधी काफी अकेली थी तो इसका फ़ायद फिरोज खान ने उठाया। ये दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। जब इंदिरा पढ़ने के लिए इंग्लैंड गई तो फिरोज भी उनके साथ चला गया और वहीं से इनकी लव स्टोरी शुरू हुई और इन दोनों के अवैध संबंध भी थे।
एक मस्जिद में इंदिरा ने फिरोज खान से शादी की और नाम मैमुना बेगम रख लिया। लेकिन उनके माता पिता इस शादी से खुश नहीं थे। इंदिरा के द्वारा धर्म परिवर्तन करना भी नेहरू को रास नहीं आया क्योकिं इस से इंदिरा गांधी के पीएम बनने की संभावना भी खतरे में थी।
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इसलिए फिरोज खान ने अपना नाम बदल कर फिरोज गांधी रख लिया। दरअसल ये जनता को मुर्ख बनाने का काम कर रहे थे। इस प्रकार, इंदिरा और उसके वंश को काल्पनिक नाम गांधी मिला। इन्होने अपनी असली पहचान को बदल लिया। के.एन. राव की पुस्तक "नेहरू राजवंश" में अनेक तथ्यों को सामने रखा गया है।
इंदिरा गांधी और फिरोज के रिश्ते ज्यादा समय तक अच्छे नहीं रहे और इन दोनों के बीच अनबन होने लगी। शादी के 1 साल बाद ही इनके रिश्तों में खट्टास आ गई। कहा जाता है कि इनके पीछे की वजह फिरोज गांधी के अन्य महिलाओं के साथ संबध थे।