कोरोना वायरस से पूरी दुनिया थम गई है. कोरोना वायरस से रोजाना मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. संक्रमण का दायरा भी एशिया, यूरोप से होते हुआ अब अफ्रीका तक पहुंच चुका है.

पूरी दुनिया में कोरोनावायरस का कहर फैलता जा रहा है और सभी चाहते हैं कि ये बीमारी कैसे भी कर के थम जाए। लोगों में डर का माहौल है और हर जगह लॉक डाउन कर दिया गया है।

दुनिया भर के वैज्ञानिक और हेल्थ एक्सपर्ट्स चाहते हैं कि इसका प्रसार होना रुक जाए वहीं ब्रिटेन से आई रिपोर्ट्स के ये कहा गया है कि ब्रिटेन में इसे पूरी आबादी में फैलने दिया जाएगा जिस से लोगों में हर्ड इम्युनिटी' यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो।

लेकिन ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मैट हैनकॉक ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि जब कोई महामारी फैलती है तो उसी के साथ ही लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाती है तो आइए समझते है कि हर्ड इम्युनिटी क्या है?

नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, जब बड़ी संख्या में किसी बिमारी से बचने के लिए लोगों को वैक्सीन दी जाती है तो इसे आगे फैलने के चांस काफी कम हो जाते हैं।. जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है उन्हें भी ये बीमारी चपेट में नहीं ले पाती है और इसे ही हर्ड इम्युनिटी कहा जाता है।

उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति को चेचक है और वह वेक्सीन ले चुके लोगों से घिरा होता है तो इस रोग को आगे फैलने की श्रमता काफी कम हो जाती है। इस से वायरस की संक्रमण शक्ति भी कमजोर हो जाती है।

कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि कोई नया वायरस आता है तो मानव शरीर में उस से लड़ने की श्रमता ना के बराबर होती है लेकिन धीरे धीरे समय के साथ उस व्यक्ति में रोग से लड़ने की श्रमता विकसित हो जाती है।

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