चारों निर्भया कांड के दोषी को फांसी दिए जाने के एक दिन से भी कम समय बचा है और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आज एक और याचिका दायर की गई। पवन गुप्ता ने याचिका दायर की और कहा कि 2012 के सामूहिक बलात्कार और हत्या के समय नाबालिग था। ये दावा उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह खारिज कर दिया था। उन्होंने उस फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा है, भले ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक बार खारिज करने के बाद, एक उम्र का दावा बार-बार नहीं लड़ा जा सकता है। अभी इस बात का फैसला कुछ देर में होगा कि इन तीनों को फांसी होती हां या नहीं।

निर्भया के गुनहगार फांसी की सजा को टालने के लिए हरसंभव कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुनहगार विनय ने फांसी पर रोक लगाने की मांग की है। आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं कि जब किसी को फांसी होती है तो जल्लाद उसके कान में क्या बोलता है?

जब जज किसी मुल्जिम को फांसी की सजा देता है तो अपने पेन की निब तोड़ देता है जिसका अर्थ होता है कि एक जिंदगी का खात्मा हो चूका है। इसके अलावा फांसी देने के समय के कुछ नियम कानून होते हैं। फांसी सूर्योदय से पूर्व ही दी जाती है और कैदी की अंतिम इच्छा भी पूछी जाती है। जिसमे वह किसी खाने की चीज या किसी परिवार के सदस्य से मिलने की मांग कर सकता है।

फांसी देते वक्त जेल अधीक्षक एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट जल्लाद और डॉक्टर मौजूद रहते हैं। सबसे कठिन काम जल्लाद का होता है क्योकिं उसे ही मुल्जिम को फांसी देनी होती है। फांसी देने से पहले जल्लाद कैदी के कान में कुछ बोलता है तो आप जानते हैं कि जल्लाद आखिर क्या बोलता है?

जल्लाद कैदी के कान में बोलता है कि “हिंदूओं को राम राम और मुस्लिमों को सलाम। मै अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं। मैं आपके सत्य के राह पे चलने की कामना करता हूं”। इसके बाद वह लिवर खींच कर वह मुल्जिम को फांसी की सजा दे देता है।

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