आगरा के ताजमहल को शाहजहाँ और मुमताज की प्रेम कहानी का प्रतीक कहा जाता है। कहते हैं कि मुमताज की मौत के बाद शाहजहां ने ताजमहल बनवाया था। तो क्या सच में शाहजहां मुमताज से प्यार करते थे या सच कुछ और है?

सच ये है कि शाहजहाँ और मुमताज की कोई प्रेम कहानी नहीं थी, बल्कि इनके जीवन की सच्चाई प्रेम कहानी से बिलकुल अलग थी।

शाहजहाँ और मुमताज़ की प्रेमकहानी से जुड़ी कुछ बातें

  • ये बात हम में से कम ही लोग जानते होंगे कि मुमताज का असली नाम अर्जुमंद-बानो-बेगम” था, जो शाहजहाँ की पहली पत्नी नहीं थी.
  • मुमताज के अलावा शाहजहाँ की 6 और पत्नियां भी थी। इसके अलावा उन्होंने 8 हजार रखेलों को भी हरम में रख रखा था।
  • मुमताज शाहजहाँ की चौथे नम्बर की पत्नी थी। शादी से पहले शाहजहां ने 3 स्त्रियों से विवाह कर रखा था और शादी के बाद भी उसने 2 स्त्रियों से विवाह किया था।
  • शाहजहाँ से शादी करने से पहले मुमताज शाहजहाँ के सूबेदार शेर अफगान खान की पत्नी थी लेकिन शाहजहाँ ने मुमताज का भी हरम किया था।
  • शाहजहाँ ने मुमताज के पहले पति की हत्या करवा दी थी।
  • मुमताज की मौत उसके 14 वे बच्चे के जन्म के बाद हुई थी।


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  • मुमताज के मौत के तुरंत बाद शाहजहाँ ने मुमताज की बहन फरजाना से विवाह कर लिया था।
  • शाहजहाँ इतना ज्यादा वासना लिप्त था कि उसने अपनी स्वयं की बेटी जहाँआरा के साथ शारीरिक संबंध बना लिया था।
  • उसने अपनी बेटी जहाँतारा को भी अपनी रखेल बना लिया और कहीं उसकी शादी नहीं होने दी। वह मुमताज की ही बेटी थी।

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शाहजहाँ और मुमताज़ की प्रेमकहानी की सच्चाई

अगर शाहजहाँ और मुमताज़ में प्रेम होता तो शहजाहं की इतनी रखैलें न होती और शाहजहाँ मुमताज के मौत के बाद उसकी बहन से और अपनी बेटी से शारीरिक संबंध नहीं बनाता। शहाजहाँ ना तो मुमताज और ना ही किसी औरत की इज्जत करता था।

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