महाभारत के पांच पांडवों में से एक गदाधारी भीम बहुत शक्तिशाली हुआ करते थे। कहा जाता है कि भीम में 10,000 हाथियों जितनी ताकत थी और कोई भी उनसे लड़ने से पहले एक नहीं 100 बार सोचता था।

इतना ही नहीं उन्होंने अपनी ताकत से अकेले नर्मदा नदी के प्रवाह को रोक दिया था। लेकिन आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर भीम में 10,000 हाथियों की ताकत कैसे आई? आइए जानते हैं।

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भीम की ताकत

भीम इतने ताकतवर थे कि अकेले ही भीम धृतराष्ट्र के सभी पुत्रों को हरा देते थे। भीम के बार बार जीतने से दुर्योधन उन्हें अपना शत्रु मैंने लगा और उसे मारने का प्लान बनाया।

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दुर्योधन ने मिला दिया खाने में जहर

भीम को मारने का विचार करके दुर्योधन ने गंगा नदी के किनारे पांडवों को खेलने के लिए बुलाया और वहां एक शिविर भी लगाया। दुर्योधन ने भीम के खाने में ज़हर मिला दिया। इसे खाकर भीम अचेत हो गए और दुर्योधन ने उन्हें अपने भाइयों के साथ मिल कर नदी में फेंक दिया।

इसी अचेत अवस्था में भीम नागलोक पहुंच गए जहां सांपों ने उन्हें खूब डंसा लेकिन इस से भीम के शरीर में जहर का असर कम होने लगा। जब भीम को होश आया तो उन्होंने अपने पास इतने सारे सांप देखे और उन्हें मारने लगे। इस से सांप डर गए और वासुकि के पास गए।

भीम को ऐसे मिली 10 हजार हाथियों की ताकत

नागराज वासुकि और आर्यक नाग खुद भीम से मिलने के लिए उनके पास पहुंचे। भीम से मिलते ही आर्यक नाग ने भीम को पहचान लिया। कहा जाता है कि आर्यक नाग भीम के नाना के नाना थे.

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उन्होंने भीम को वहां के कुंड का रस पीने के लिए कहा। भीम ने 10 हजार हाथियों की ताकत वाले उन 8 कुंडों के रस को पी लिया और सो गए। उधर नागलोक में आठवें दिन जब रस पच गया तब जाकर भीम नींद से जागे। उन्होंने वहां पहुंचकर सारी बात युधिष्ठिर को बताई। लेकिन युधिष्ठिर ने उनसे ये बात किसी से भी कहने से मना किया। इसी के बाद से भीम की ताकत और बढ़ गई और 10000 हाथियों की ताकत उनमे आई।

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