वैसे देशभर में बहुत से प्राचीन मंदिर है लेकिन आज हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं इनकी कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। कई मंदिर तो इतने पुराने हैं कि उनका इतिहास पढ़कर और जानकर लोगों को आश्चर्य होता है। मंदिर की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होंगीं लेकिन एक ऐसा भी मंदिर है जिसके बारे में नहीं जानते बहुत से लोग। आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताएँगे वो मध्य प्रदेश में हैं।

इस मंदिर का नाम शनि मंदिर है। सबसे पहले बात मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर नवग्रह शनि मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना लगभग 2 हजार साल पहले राजा विक्रमादित्य ने की थी।

उज्जैन का ये शनि मंदिर पहला ऐसा मंदिर भी है जहां शिव के रूप में शनि विराजित है लोग अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए यहां तेल चढ़ाते हैं। शनि अमावस्या को देशभर के श्रद्धालु शिव रूप में शनिदेव को तेल चढ़ाकर प्रसन्न करते हैं।

हर शनिचरी अमावस्या को लोग नदी में स्नान करके अपने दुख, पीडाओं और पापों से मुक्ति प्राप्त करते है। परिक्रमा मार्ग में इन ग्रहों का दर्शन और पूजन भी किया जाता है। यह मंदिर अतिप्राचीन है और यहां आने वाले के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

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